Saturday, March 11, 2017

तौलिया छोटा है

मेरा नाम रिंकू है ! मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ ! मैं आपको तीन साल पुरानी अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ ! कृपा कर इसे पढें ! मेरा दावा है कि इस कहानी को पढ़ते समय भाइयों के लंड और भाभियों की चूत गीली हो जायेगी और यदि भाइयों के पास चूत का जुगाड़ है तो वो चूत मारने पर विवश हो जायेंगे यदि नहीं है तो मुठ मारेंगे ! लड़कियों और औरतों के पास लंड का जुगाड़ है तो वो चुदवाने पर विवश हो जाएँगी यदि नहीं है तो वो ऊँगली-मैथुन या अपनी चूत में बेंगन जैसी लम्बी चीज़ से मुठ मारेंगी ! मैं आपका ज्यादा समय बर्बाद न करके सीधा पॉइंट पर आता हूँ !
बात उन दिनों की है जब मैं ग्रैजुऐशन कर रहा था ! मेरे दूसरे साल के पेपर चल रहे थे ! हमारे घर में एक किरायेदार आया, जिसकी बीवी का नाम ममता था ! ममता दिखने में कुछ ज्यादा सुंदर नहीं थी पर उसके स्तन बहुत बड़े थे जो हमेशा ब्लाउज से बाहर आने की कोशिश करते थे ! ऐसा लगता था मानो अभी ब्लाउज से बाहर आ जायेंगे ! जिनको देख कर मेरा मन मचल उठा और उसकी गांड के तो क्या कहने ...............!
जब वो चलती थी तो उसका एक कूल्हा आगे और एक कूल्हा पीछे होता था, जिसे देख कर मेरा लंड खंभे का रूप धारण कर लेता था ! उसे देख कर मेरा मन भटकने लगता और मेरा मन पढ़ाई में न लगता ! जब मैं उसे देखता, उसके बड़े स्तन और उठी हुई गांड का दृश्य मेरे सामने आने लगता और मैं उसके बारे में सोच कर मुठ मारता ! मुठ मारने के बाद मैं शांत हो जाता और पढ़ाई में मन लगाता लेकिन मन फिर भी नहीं लग पाता !
असली दिक्कत तो रात को होती थी जब ममता का पति आता था और रात को उसको चोदता था ! उसके चीखने की आवाज़ मेरे कमरे तक आती थी, क्योंकि मेरा कमरा उसके कमरे से चिपका था ! जब उसका पति उसे चोदता था तो वो सिसकियाँ लेती थी ! उसकी आवाजें मेरे कानों में गूंजती थी और मैं आँखों में उसकी तस्वीर ले आता और उसका नाम लेकर मुठ मारता था !
एक दिन ममता आंटी ने मुझसे कहा कि मैं उनके केबल कनेक्शन लगवा दूँ !
तो मैंने उनसे कहा,"आंटी ! नए डिश कनेक्शन के लिए आपको २०० रुपये एडवांस केबल वाले को देने पड़ेंगे और १५० रुपये महीना देना होगा !"
आंटी बोली,"यह तो बहुत मंहगा है ?”
मैने कहा," आंटी ! मैं अपने केबल कनेक्शन में से आपका केबल लगा देता हूँ !!"
वो बोली," आप कितने पैसे लोगे ?"
मैंने कहा,"जो आपकी इच्छा हो, दे देना .................!"
उसने कहा," लगा दो !"
आंटी के टीवी में कनेक्शन करने के लिए मार्केट से केबल की तार खरीद कर लाया और मैं अपनी टीवी से कनेक्शन ले कर तार उनके टीवी तक ले जाने लगा, लेकिन तार छोटी पड़ गई !!
मैंने कहा," आंटी ! तार छोटी पड़ गई !"
तो आंटी ने कहा," कुछ जुगाड़ कर के लगा दो?"
मैंने कहा,"आंटी, आपका कमरा और मेरा कमरा चिपका हुआ है, अगर मैं दीवार में छेद कर दूँ तो बहुत कम तार लगेगी !! "
वो बोली," कर लो न .........! "
मैं ड्रिल मशीन लाया और ऐसी जगह छेद किया जहाँ से ममता आंटी की चुदाई के दर्शन साफ़ तरीके से हो सके और मैंने दीवार का छेद काफी बड़ा किया जिससे मुझे आंटी की चुदाई की रासलीला का भरपूर आनंद प्राप्त हो सके और आंटी की केबल लगा दी और मैं रात का इंतज़ार करने लगा.........!
रात हुई ! मैं खाना खा ही रहा था कि अंकल ने अचानक अपने कमरे का दरवाज़ा बंद कर लिया ! मैं समझ गया कि चुदाई कार्यक्रम शुरू होने वाला है ! मैंने जल्दी से खाना खाया और अपने कमरे में चला आया और केबल के तार के लिए किये गए छेद पर आंखें लगाईं !
और अचानक आंटी के कमरे में देख कर मेरे कान खड़े हो गए.........!
मैंने देखा अंकल ने टीवी पर ब्लू फिल्म लगा रखी थी ! अंकल आंटी के गुदगुदी कर रहे थे और आंटी हंस रही थी ! उस समय आंटी पेटीकोट- ब्लाउज में थी ! अचानक अंकल ने आंटी के पैरों से चूमना शुरू किया ! पेटीकोट उठाते हुए ऊपर चूत की ओर चूमते हुए आने लगे और धीरे-धीरे पेटीकोट चूत से उपर हो गया ! अंकल आंटी की जांघों को चूमते हुए आंटी की चूत में जीभ देकर कुत्ते की तरह आंटी की चूत चाटने लगे ! आंटी सिसकियाँ ले रही थी !
पहली बार मैंने ममता आंटी की चूत देखी जिसे देख कर मेरा लंड काबू में न रहा और नाग की तरह फुंकार मारने लगा ! अचानक अंकल पूरे नंगे हो गए और आंटी को भी नंगा कर दिया और आंटी की चूत में अपना लंड डाल दिया ! मैंने देखा कि अंकल का लंड ५ से ६ इंच का है ! अंकल आंटी पर चढ़ कर जोरदार धक्के मारने लगे !मैंने देखा की आंटी को छोटे लंड के कारण चुदने में कम मज़ा आ रहा था ! इस चुदाई के सीन को देख कर मैं आंटी का ध्यान लाकर मुठ मारने लगा !
अचानक अंकल झड़ गए लेकिन अभी तक आंटी नहीं झड़ पाई थी ! अंकल निढाल होकर आंटी के उपर से हट गए और सोने लगे ! आंटी अंकल को अपनी ओर खींच रही थी ! अभी आंटी प्यासी थी लेकिन अंकल आंटी से हाथ छुड़ा कर सो गए ! अंकल के सोने के बाद ममता आंटी रोने लगी और अपनी चूत को मसलने और उसमें ऊँगली करने लगी ! यह देख कर मैं खुश हो गया कि अब मेरी दाल गल सकती है और मैंने अपना लंड झाड़ दिया ! आंटी भी ऊँगली मैथुन से झड़ गई और सो गई !
सुबह मैं नहा रहा था ! आंटी मेरे सामने बैठ कर अपने घर के बर्तन धोने लगी ! मैंने सोचा यह अच्छा मौका है आंटी को अपने ९ इंच के लंड के दर्शन कराने का !
आंटी सामने बर्तन धो रही थी ! मैं साबुन लगा रहा था ! मैंने अपने कच्छे में हाथ डालकर अपने लंड पर साबुन लगाना शुरू किया और लंड खडा हो गया! ये सब आंटी देख रही थी ! आंटी कच्छे में से मेरे लंड की लम्बाई भांप चुकी थी ! आंटी के चेहरे पर ख़ुशी थी ! मैं समझ गया कि आंटी लंड देखना और अपनी भोसड़ी में लेना चाहती है !
मैंने नहाने के बाद तौलिया पहन अपना कच्छा नीचे उतारा ! लंड खड़ा था इसलिए तौलिया भी उठा हुआ था और मैं बैठ कर अपना कच्छा धोने लगा ! आंटी बिलकुल मेरे सामने थी इसलिए उनकी नज़र मेरी टांगों पर थी ! मुझे महसूस हुआ कि उनकी नज़र मेरे लंड को देखने के लिए बेताब है ! तभी मैंने अपनी दोनों टांगे चौड़ी कर ली ! मेरा लंड तौलिये से बाहर निकलने लगा !
यह देख कर आंटी ने अपनी आँखें नीचे कर ली और बोली,"रिंकू, तुम्हारा तौलिया छोटा है !!"
मैंने कहा,"आंटी, ऐसा क्यों कहा ?”
उसने कहा,"तुम्हारा बाहर निकल रहा है................!"
मैंने जानबूझ के पूछा,"क्या ...??"
उसने लंड की ओर इशारा किया ! मैंने देखा लंड तौलिये से बिलकुल बाहर था !
मैंने कहा,"आंटी जी ! तौलिया छोटा नहीं !!! मेरा बड़ा है ........!"
आंटी बोली," वही मैं सोच रही हूँ ................... तुम्हारा कितना बड़ा है .......................!"
मैंने कहा,"आंटी ! आपने पूरा देख लिया .............? "
उसने कहा," नहीं, थोड़ा सा....................!"
मैंने आंटी के सामने अपना तौलिया खोल दिया ! मेरे ९ इंच के खड़े लंड देख आंटी की आंखें चौंधिया गई ! मैंने कहा,"लो आंटी ! पूरा देख लो !"
वो हैरान थी ! मैंने आंटी का हाथ पकड़ा और अपना लंड उनके हाथ में दे दिया ! वो मेरा लंड हिलाने लगी !
मैंने कहा ," आंटी ! मेरी ही सारी बड़ी चीज़ देखोगी ?? अपनी भी कुछ बड़ी चीज़ दिखाओगी???"
यह कह कर मैंने उसे गोद में उठा लिया और उसके कमरे में बेड पर लिटा कर उसके स्तन दबाने लगा ! वो सिसकियाँ लेने लगी और देखते ही देखते मैंने उसे नंगा कर दिया ! उसकी चूत बिलकुल चिकनी थी ........!
मैंने उसकी चूत चाटना शुरू कर दिया जिससे वो तड़फ उठी और बोली," रिंकू, अब सब्र नहीं हो रहा है..........! प्लीज़ मेरी चूत में डाल दो और मुझे चोद दो............!"
मैंने उसकी दोनों टांगे चौड़ी की और उसकी चूत पर अपना लंड रख कर तेज धक्का दिया ! मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और वो चीख उठी क्योंकि उसने इतना लंड पहली बार अपनी चूत में लिया था ! मैंने दूसरा धक्का मारा और लंड उसकी चूत में समा गया ! उसकी चूत से खून आने लगा और लंड भी काफी टाइट घुस रहा था !
मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू कर दिया और उसे मज़ा आने लगा ! उसने मुझे अपनी बाँहों में कसना शुरू कर दिया ! मैं समझ गया कि उसे अत्यंत आनंद आ रहा है, उसकी पकड़ और भी टाइट होती जा रही थी और मेरे धक्के भी !
अचानक वो बोलने लगी," रिंकू ,चोद डालो मुझे ! मेरी भोसड़ी को भोसड़ा बना दो और गांड उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी!" उसकी सिसकियों से पता चल रहा था कि वो अब झड़ने वाली है, इसलिए मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी ! वो झड़ गई और उसके साथ मैं भी झड़ गया ! उसके बाद मैं ममता आंटी को अपनी लुगाई की तरह जब चाहता चोद लेता !
वो हमेशा कहती," रिंकू, तुमने मेरी भोसड़ी को भोसड़ा बना दिया.......................!"
यह सिलसिला ६ महीने तक चला ! उसके बाद वो हमारा कमरा खाली करके चले गए ! दोस्तों ! मुझे बर्दाश्त करने के लिए धन्यवाद !!!

Friday, March 10, 2017

सेक्सबाबत खास टिप्स - Sex tips in marathi font

सेक्स हा एक अत्यंत सुखद: अनुभव असतो. मात्र सेक्सचा जास्तीत जास्त आनंद घेऊन सेक्स करणं फायदेशीर असतं, यासाठीच सेक्स मध्ये चिरतरूणपणा यावा यासाठी काही गोष्टी करणं गरजेचं असतं.
* दिवसा कधीच सेक्स करू नये, जास्तीत जास्त रात्री सेक्सचा आनंद घ्यावा. झाल्यास यातही काही दिवसांचे अंतर ठेवावे
* सूर्योदयापूर्वी काही वेळ आणि सूर्योदयानंतर सेक्स करणं आरोग्याच्या दृष्टीने अपायकारक ठरू शकते.
* सेक्स करताना त्यात जास्तीत जास्त आनंद मिळावा यासाठी मध्यरात्री सेक्स करणं कधीही हितकारक आहे. आणि त्यात आनंद जास्त घेता येतो.
* तसंच झोपण्यापूर्वी कधीही दूध पिऊ नये, जर का दूध घ्यायचंच असल्यास झोपण्यापूर्वी एक तास आधी घेणं उत्तम.
* स्त्रियांची जेव्हा मासिक पाळी सुरू असेल तेव्हा कधीही शारीरिक संभोग करू नये. तसंच या दिवसात कंडोमचा वापर करून सेक्स करणं चूक आहे. असं केल्याने अनेक गुप्तरोगांची लागण होण्याची शक्यता असते.
* अनेकजण सेक्स म्हणजे शारीरिक संभोगातील औपचारिकता इतकंच म्हणून वीर्यस्खलन होईपर्यंत सेक्स करतात. तसं पाहता लैगिंक सहवास करताना कोणतीही घाई करणं अत्यंत चुकीचं आहे. घाई केल्याने ना पुरूषाला आनंद मिळत आणि ना स्त्री समाधानी होत. तर कधीही सेक्स करताना रसपूर्ण शृगांरिक बोलणं त्यातून स्त्रीची 'कामेच्छा' जागृत करावी. तेव्हाच आपण शारीरिक सुखाचा खरा आनंद घेऊ शकतो, आणि त्यातून आपल्या सोबतीला संतुष्टही करू शकतो.

Wednesday, March 8, 2017

जवानी का खेल - Hindi sex story

बात उन दिनो की है जब मैने हाई स्कूल पास किया और इंटर मैं एडमिशन लेने के लिए कोशिश कर रहा था हालाकि मेरे मार्क्स अच्छे थे पर मैं जिस कॉलेज मे एडमिशन लेना चाहता था उसके हिसाब से कुछ कम थे. मेरे सब दोस्त एडमिशन ले चुके थे पर मैं उसी कॉलेज मैं एडमिशन लेना चाहता था. एक दिन मैं फॉर्म सब्मिट करने की कोशिश कर रहा था……कि एक लड़की मेरे पास आई. उसने कहा, हेल्लो! “विक्की”.
तभी मैंने उधर पलटकर देखा वोही आँखें वोही सीना वोही मुस्करता चेहरा. अब आप सोच रहे होंगे ये कौन है और कहाँ से आई. तो ये है वो आज की इस स्टोरी की हेरोइन. जी शिप्रा. दरसल हम लोग क्लास थर्ड से एक साथ स्टडी कर रहे थे एक ही स्कूल में. पर हम लोगो मैं कभी बात नही हुई, लेकिन आज उसने मुझे हेलो बोला, तो कुछ देर तक मेरे मुहँ से कुछ नही निकला. फिर उसने कहा - फॉर्म सब्मिट करना है? मैने कहाँ "हाँ". तो उसने कहाँ फॉर्म मुझे दे दो और मेरे साथ आओ . मैं बिना कुछ बोले उसके पीछे हो लिया. तब वो मुझे साइंस के डिपार्टमेंट मे ले गयी और अपने अंकल से मिलाया और कहाँ मैं इनको फॉर्म दे देती हूँ आपका काम हो जाएगा. पर मैने कहाँ मेरे मार्क्स कुछ कम है तो अंकल ने कहाँ कोई बात नही शिप्रा तुम्हे अप्रोच कर रही है तो तुम्हारा काम हो जाएगा.
हम लोग डिपार्टमेंट से बाहर आए तो मैं शिप्रा से बोला शिप्रा को "धन्यवाद " उसने कहाँ किस बात के लिए. मैंने कहाँ तुमने एडमिशन मे मेरी हेल्प की इसलिए. उसने कहाँ हम लोग एक दूसरे को काफ़ी टाइम से जानते है. तो दोस्त है और सच पूछो मेरी सभी फ्रेंड्स ने एडमिशन अलग अलग कॉलेज मे लिया मैं अकेली थी यहाँ. अंकल की वजह से मैं यहाँ एडमिशन लिया लेकिन कोई परिचित का ना होने की वजय से मैं चाह रही थी कोई ऐसा हो जिसे मैं यहाँ जानती हून ताकि क्लास अटेंड करने मैं बोरिंग फील ना हो. तभी तुम मुझे दिखे और मैं आपके मार्क्स जानती थी इसलिए मैने सोचा आप दोस्त भी है और जिस तरीके से आप एडमिशन ले रहे हैं वैसे तो एडमिशन होना नही है. इसलिए मैं और आपको अपने अंकल के पास ले गयी. तो नाउ वी आर फ्रेंड्स. तब मैने अपना हाथ शेक करने के लिए उसकी तरफ बढाया और कहा श्योर ………वाइ नोट.
जब इतनी बातें हम दोनो के बीच मैं हो गयी तब मुझमे कुछ हिम्मत जागी और मैं कहाँ शिप्रा क्या तुम मेरे साथ कॉफी पीने चलोगी. उसने कहाँ अगर ये रिश्वत है तो नही और अगर एक दोस्त दूसरे दोस्त से पूछ रहा हैं तो श्योर. मैंने कहा रियली एक दोस्त दूसरे दोस्त से पूछ रहा है . फिर हम लोग कॉफी पीने गये और ढेर सारी पुरानी बातें की कैसे आज तक मैं इतने सालों से उससे बातें करना चाहता था पर ना कर सका. इस प्रकार हम दोनो में दोस्ती हुई. जो पिछले ८ सालो से सिर्फ़ एक दूसरे को देख रहे हो बातें ना करते हो और अचानक वो इतनी जल्दी दोस्त बन जाते हैं. "हैं ना लक". इसलिए मैं ये सब रामकथा सुनाई आप लोगो को. चलो अब अगर आप बोर हो गये हो तो ज़रा अटेंशन हो जाए क्योंकि अब मैं शिप्रा की जवानी के बारे में बताने जा रहा हूँ.
दरसल शिप्रा एक नाटे कद की सावली लड़की थी. फेस उसका नॉर्मल था मेरा मतलब एक जनरल गर्ल आम लड़की का. उसके बावजूद वो गुड लुकिंग फेस थी. लेकिन उसमे जो सबसे अट्रॅक्टिव था वो उसके बूब्स (चुचिया) उस छोटे से बॉडी मैं छोटी फुटबॉल जितने बड़े बूब्स. सच बताऊं मैं जब से उसे जनता था, उसको कम, उसके बूब्स ज्यादा देखता था. ये सिर्फ़ मैं नही करता था हर वो लड़का टीचर लड़की करते थे की फेस नही बूब्स देखते थे. क्यूकी उसकी बॉडी मैं अगर कुछ अट्रॅक्टिव था तो वो थे बूब्स. ये बूब्स ही उसे सेक्सी हॉट और मज़ेदार बनाते थे. मैं अक्सर ख्यालो में उसके बूब्स को अपने हांथो में लेता था पर कमबख्त आते ही नही थे.
एंटर की क्लासस स्टार्ट हो गयी हम दोनो अगल-बगल बैठते थे. और स्टडी के साथ फन भी करते कॅंटीन में जाते बातें भी करते और एक दूसरे के साथ मज़ाक भी करते. फिर मैं उसे कॉलेज से उसके घर और घर से कॉलेज लाने ले जाने लगा. जब घर से वो निकलती अकेले मैं कुछ दूर पर उसका इंतज़ार करता और वो आकर मेरी मोटरसाइकल पर बैठ जाती और कॉलेज घर जाते टाइम मैं उसे घर से पहले छोड़ देता. एक दिन उसने अपनी जन्मदिन में मुझे अपने घर बुलाया और सबसे मिलाया. मैने उसके मम्मी और पापा के चरण छुए और उसकी एक बड़ी सिस्टर थी सुनीता लेकिन उससे बिल्कुल अलग पर एक चीज़ सेम थी मालूम है क्या उसके बूब्स. शायद शिप्रा से बड़े क्योंकि वो शिप्रा से दो साल बड़ी थी. उस दिन से मेरा उसके घर आना जाना शुरू हो गया. कुछ दो या तीन महीने निकल गये इन सब में. अब मैं कभी कभी स्टडी करने भी उसके घर जाने लगा. मेरा मतलब क्लोज़ हो गये हमदोनों एक दूसरे के. हमने कभी "आई लव यू " नही कहा . क्यों ……ये बात फिर कभी….पर बताऊँगा ज़रूर.
तो शायद अब आप लोग पूरी तरीके से समझ गये होंगे. तो अब मैं उस दिन की बात बताने जा रहा हूँ जिसके लिए आप ने इतना सारा पड़ा और मुझे शायद गाली भी दी होंगी. तो मेरे बेसब्र दोस्तो सब्र रखो. क्योंकि सब्र का फल मीठा होता है. तो मैं स्टार्ट करता हूँ.
उस दिन सनडे था जब मैं उसके घर गया मैने कॉल बेल दबाई अंदर से कोई आवाज़ नही आई कुछ देर बाद मैं दुबारा बेल पुश किया. तभी अंदर से मधुर सी आवाज़ आई "कौन है?"…… मैंने कहा मैं........ विक्की. उसने कहाँ एक मिनट. मैं दरवाज़े के बाहर इंतज़ार करने लगा और कुछ सोचने जा ही रहा था की दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई और खुल गया पर दरवाज़े पर कोई नही…….मैं देख ही रहा था की फिर से वोही आवाज़ आई अरे जल्दी अंदर आओ क्या वही खड़े रहोगे. मैं झट से अंदर घुसा और जैसे अंदर घुसा तभी दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ आई और मैं पलटा और पलटते ही दंग रह गया……..वो भीगे हुए बदन एक घुटनो से भी ऊपर तक के गाउन से डाले हुई थी और जांघो के नीचे से नंगे पैर…….वो जो नज़ारा था या कोई कयामत था वो कोई और नही अपनी फिल्म की हिरोइन शिप्रा थी.
उसने मेरी तरफ देखा और कहा तुम ५ मिनट वेट करो मैं बस अभी आती हूँ. और मुझे हतप्रभ वही छोड़ गयी. मैं कुछ समय के बाद नॉर्मल हुआ और सोफे पर बैठ गया. कुछ देर बाद एक लो कट टी-शर्ट और ब्लू रंग की स्किन टाइट जीन्स पहने हुए भीगे बालों को पोछते हुए वो मेरे सामने आई और कहाँ अरे! क्या हुआ ठीक से बैठते क्यों नही हो……..मैने अपने आप को ठीक किया और नॉर्मल दरशाने के लिए पूछा आज कोई दिख नही रहा. शिप्रा ने कहाँ दिखेंगे कैसे जब कोई होगा तब ना. मम्मी-पापा और दीदी सीतापुर गये है शादी अटेंड करने लेट नाइट आएँगे मेरा मन नही था इसलिए नही गयी. मैं अंदर अंदर बहुत खुश हुआ और अपने अंदर हिम्मत भी आ गयी. तो मैने कहाँ तो आज तुम अकेली हो. उसने कहा अकेले ?, नही तो, किसने कहा ? मैं कहाँ मम्मी-पापा और दीदी सब चले गये फिर कौन है तुम्हारे साथ. उसने कहाँ तुम हो ना……..मेरे मुहँ से ज़ोर सी हँसी निकल गयी……..और वो भी हंस दी. उसने तभी कहाँ रियली मैं अभी तुम्हे फ़ोन करने वाली थी मैं यहाँ अकेली हूँ तुम आ जाओगे तो साथ भी हो जाएगा, स्टडी भी हो जाएगी और समय भी कट जाएगा. अच्छा तुम दो मिनिट बैठो मैं कॉफी ले के आती हूँ. मेरी नज़र ना चाहते हुए भी बार बार उसके बूब्स की तरफ जा रही थी. भीगे बालों में वो इतनी सेक्सी लग रही थी की एक बरी तो मेरा लंड खरा होते होते बचा…..
आज मैं शिप्रा की चूचियां दबा कर ही मानूंगा चाहें जो हो जाए पर कैसे, कहीं चिल्ला दी तो, अरे नही इतने सालों से जानती हैं नही चिल्लाएगी. लेकिन अगर कहीं बुरा मान गयी तो दोस्ती टूट गयी तो………….फिर क्या किया जाए कैसे शिप्रा की चुदाई करूऊऊऊउ, कुछ समझ में नही आ रहा हैं……मैं इन्ही ख़यालो मैं डूबा था की शिप्रा की आवाज़ आई अरे विक्की क्या सोच रहें हो…..मुझे झटका लगा क्या बोलूं , बोलूं कि न बोलूँ. तभी शिप्रा की दुबारा आवाज़ मेरे कानो मैं पड़ी विक्की तबीयत तो ठीक हैं…….मैने कहाँ तबीयत ……..तबीयत को क्या हुआ ठीक तो है……बस कुछ सोच रहा था. क्या सोच रहे थे शिप्रा ने कहाँ. मैंने कहाँ, कुछ खास नही और उसके हाथों से बढाया हुआ कॉफी का मॅग ले लिया और सिप लगाया. वाकई कॉफी बिल्कुल शिप्रा की ज़वानी जैसी कड़क बनी थी. तो मैने कहाँ मुझे नही पता था कि तुम इतनी अच्छी कॉफी बना लेती हों. वो मुस्कराई और कहाँ हाआआं कभी-कभी वरना दीदी ही बनाती है.
अब हम लोग खामोश होकर कॉफी सिप कर रहे थे और मेरी नज़र शिप्रा के बूब्स की तरफ जा रही थी बार-बार लगातार. मैं कॉफी सिप करता जाता और उसके बूब्स देखता जाता मुझे ये भी ख्याल नही रहा की शिप्रा जिसके बूब्स मैं देख रहा हूँ, वो मेरे सामने बैठें ही कॉफी सिप कर रही है. दोस्तो एक बात बताऊं हम लड़के चाहें जितनी होशियारी क्यों न आते हो, पर लड़कियों की नज़रों से नही बच सकते, की आप क्या सोच रहे हो क्या देख रहे हो. वो लड़की जो बचपन से ये देखती आ रही हो कि लोगो की नज़र मेरी तरफ कम मेरे बूब्स की तरफ़ ज़यादा जाती हैं……..तो वो क्या सोचती होगी….तबी उसने मुझे टोका विक्की क्या देख रहे हो? इस सवाल ने मेरा पसीना निकाल दिया और मैं बिल्कुल हकला गया मैने कहाँ कुछ, कुछ भी तो नही. लेकिन शिप्रा आज कुछ और मूड में थी तो उसने कहाँ नही कुछ देख रहे थे………..उसके कहने के अंदाज़ ने मुझे और डरा दिया……….उसने कहाँ बोलों…….क्या देख रहे थे……मैने बरी हिम्मत करके उसके दोनो बूब्स की तरफ़ इशारा करते हुए कहाँ वूऊऊऊऊ दोनो. शिप्रा ने मेरी उंगलियों का इशारा समझतें हुए भी कहाँ मैं समझी नही मुहँ से बोलों क्या देख रहे थे………..अब मुझे ये नही समझ मैं आया की मैं क्या बोलूँ ….मैने कहाँ सीना….देख रहा था. शिप्रा ने कहाँ सीना, क्यों…..सीने मैं क्या है……अब मैं चुप क्या बोलूं उसने फिर कहाँ अरे! बोलते क्यों नही हो…..तो मैने कहाँ तुम्हारी चूचियों को………………जिस प्रकार डरते हुए उसको मैने ये वर्ड बोला …….वो ज़ोर से हंस दी…….और कहाँ आरीईईईई तो डर क्यों रहें हो कौन आज पहली बार तुम इन्हें देख रहे हो या कौन से पहले तुम हो जो इसे देख रहें हो देखने वाली चीज़ है सब देखते हैं……..तो तुम देख रहें हो तो क्या अपराध कर रहें हो……जब शिप्रा ने ये वर्ड्स बोलें तब मेरी जान में जान आई और मै मुस्कराए बगैर नही रहा सका….और अपनी झेप मिटाने लगा.
उसी वक्त शिप्रा सामने वाले सोफे से उठकर मेरे बगल में सटकर बैठ गयी और मेरे हाथों से कॉफी का मॅग ले कर टेबल पर रख दिया. और मेरी आखों की तरफ देखने लगी…….और कहाँ अब देखों जो देखना है….. मेरी समझ में नहीं आ रहा था की मैं क्या करूँ. तभी उसने अपने होंठो को मेरे होंठो पर रख दिए और कहाँ शायद अब तुमको देखने में आसानी होगी. और ज़ोर से मेरे होंठों को चूसने लगी थोरी देर में मैं गरमा गया और मेरे हाथ उसकी चूचियों को दबाने लगे. और अब मैं भी उसके होंठों को चूस रहा था. ये मेरी लाइफ का सबसे बड़ा और हॉट दिन था. आज से पहले मैने कभी ऐसा महसूस नही किया था. धीरे-२ हम दोनों की साँसे गरम हो रही थी और मेरे हाथों का दबाव उसकी चूचियों पे बढता ही जा रहा था और वो ज़ोर ज़ोर से साँसे ले रही थी. तभी वो मेरे बगल से उठ कर मेरे ऊपर दोनो घुटनों को मोड़ कर अपने हिप्स को मेरे ऊपर रख कर मेरी तरफ अपना सीना दिखाते हुए बैठ गयी. मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे होंठों कों बदस्तूर दबाये जा रही थी. मैने भी उसे अपनी बाहों मे कस कर भर लिया और उसेके रसीलें होंठों को चूसने लगा जिस अंदाज़ से वो मेरे ऊपर बैठी थी उससे उसेके हिप्पस का प्रेसर मेरे लंड पर पड़ रहा था. जिसकी वजह से मेरा लंड टाइट होने लगा और उसके हिप्स को छूने लगा.
शिप्रा ने पूछा विक्की ये मेरे नीचे कड़ा कड़ा क्या लग रहा हैं मैने कहाँ शिप्रा ये मेरा लंड हैं. क्या मै इसे देख सकती हूँ, मैने कहा- डार्लिंग ये सिर्फ़ तुम्हारे लिए ही है. और वो सोफे से उत्तर कर नीचे ज़मीन पर घुटने के बल बैठ गयी और अपने हाथों से मेरी पैंट के ऊपर से ही लंड पकड़ लिया और वो मेरी तरफ़ देखते हुए मेरा लंड मसलने लगी और मैने बड़कर उसके होंठों को चूम लिया और हाथों से मैं अब उसकी टी-शर्ट उतारने लगा तो उसने अपने दोनो हाथों को ऊपर कर दिया और मैने उसकी टी-शर्ट उतार दी. वो अंदर ब्रा में अपने मिनी फूटबाल जितनी चूचियां छुपा रखी थी. वो बिना परवाह किए मेरे लंड को पैंट के ऊपर से मल रही थी. मैने ब्रा के ऊपर से उन हिमालय जितनी विशाल चोटिया देख कर दंग हो गया जो कल तक मेरे सपना था आज हक़ीक़त बनकर मेरे सामने खड़ा था, जिन्हें दबाने की मैं कलपना किया करता था आज मैं उन्हें रियल में दबा रहा हूँ ........और मैने उन्हें खूब जमकर दबाया उसके बाद उसकी ब्रा खोल दी दो उछालती हुई गेंदे बाहर आ गयी उन चूचियों को मैंने क़ैद से आज़ाद कर दिया और वो अब मेरे सामने सीना ताने खड़ी थी. मैने शिप्रा को अपनी गोद मैं बैठा लिया और उसकी चूचियों को अपने मुँह मैं भर लिया और दूसरी को अपने हाथों से दबाने लगा. अब शिप्रा के मुँह से सिसकारिया निकालने लगी......आआआआआआ ईईईईईईई....................उसका बदन अंगारों की तरह तप रहा था.
मेरा लंड पैंट से निकलने के लिए बेताब हो रहा था. मैने शिप्रा से कहा- जानू अब मेरा हथियार अपने होंठों से चूसो उसने तुरंत मेरी पैंट की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल लिया और उसे देख कर मेरी तरफ़ मुस्कराई और उसे चूसने लगी. में सोफे पर से उतर गया और पैंट पूरी उतार दी अब मेरा पूरा लंड शिप्रा के सामने था और वो मज़े से चूस रही थी. अब मैने अपने बचे कपडे उतार दिए और शिप्रा मेरा लंड चूसने में मस्त थी अब मैंने उसको खड़ा करके उसे अंपनी बांहों मैं भर लिया और उसकी जींस उतार दी वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने खड़ी थी औरे मैं उस नंगे बदन को निहार रहा था.
उसकी घाटी पे उगे छोटे छोटे बाल बिलकुल फूलो जैसा अहसास दे रहे थे मुझे मैने तभी एक हाथ से उसकी चूची पकड़ी और दूसरे हाथ की उंगली उसकी चूत मैं डाल दिया उसकी चूत बिलकुल गीली हो चुकी थी उसने हल्का हल्का पानी छोड़ दिया था मैंने अच्छी तरीके से अपनी ऊँगली को उसकी चूत में डाल दी धीरे से मैंने दो उंगली उसकी चूत मैं डाली तो वो सिहर उठी जब मेरी दोनों उँगलियाँ चूत के पानी से गीली हो गयी तो मैंने उन दोनों उंगलियों को मुंह में डाल ली फर्स्ट टाइम मुझे जन्नत का अहसास हुआ अब मैंने उसे सोफे पर लिटा दिया हम दोनों पूरी तरीके से नंगे हो चुके थे जल्दी कोई थी नहीं क्योंकि अभी तो दोपहर थी और सबको आना था रात में. मैंने उसके पूरे बदन को अपनी जीभ से चाटने लगा और चूचियों को लगातार दबा रहा था उसका बदन पूरे तरीके से भभक रहा था वो गरम हो चुकी थी पुरी तरीके से मैंने अपनी उँगलियों से उसकी चूत को चोद रहा था. उसके मुहँ से सिसकरिया निकल रही थी ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ ईईईईईईईईए विक्की अब मुझे चोद दो मै बर्दास्त नही कर पा रही हूँ.
अब मैंने उसे अपने बदन के ऊपर लेता हुआ सोफे पर लेट गया और ६९ का कोण बना लिया मैंने बहुत सी ब्लू फिल्म्स में ऐक्टर और ऐक्ट्रेस को इस तरीके से मज़ा लेते देखा था इसलिए मैंने शिप्रा को बताया उसे क्या करना है वो मेरा लैंड लेकर उसे चूसने लगी और मैंने उसकी चूत को चाटने लगा मैंने उसकी चूत को कभी उंगलियों से तो कभी जीभ से चोद रहा था उससे रहा नही गया वो मेरे लंड को खा जाने वाली स्टायल से चूस रही थी और मैं उसकी चूत को बड़े प्यार से जीभ से चोद रहा था वो मेरा लंड चूसना छोड़ कर कहरारने लगी और मेरी तरफ़ याचना की नज़र से देखने लगी जैसे कह रही हो बस करो विक्की खेलना जो बाँध टूटने वाला है अब मुझसे नही रुक रहा है.....
तो मैंने उसे अब सोफे पर लिटा दिया और अपने लंड का सुपाडा उसकी चूत के मुहँ पर रख दिया और बाहर से ही उसके ऊपर लंड का लाल वाला हिस्सा जिसे सुपाडा कहते है रगड़ने लगा हम दोनों को एक जलन सा अहसास होने लगा जो कभी तो ठंडा लगता और कभी भट्टी की तरह गरम जब मुझसे भी रहा नही गया तब मैंने अपना लंड पकड़ के उसकी चूत के अन्दर डाला लेकिन चूत बहुत टाईट थी मैंने थोड़ा जोर लगाया तो शिप्रा चिल्ला उठी। मैंने उसके होठों पर अपने होठों को रख दिया और चूसने लगा कुछ सेकेंड बाद मैंने एक जोर का धक्का धीरे से दिया तो मेरा आधा लंड चूत में चला गया उसने चीखना चाहा, पर मेरे होठों ने उसकी चीख रोक दी मैंने उसके होठों चूसना बदस्तूर जरी रखा जब उसे थोड़ा आराम मिला तो एक जोर का धक्का और लगाया की चीख के साथ ही खून की एक धारा भी निकल पड़ी चूत से पर मैंने परवाह नही की क्योंकि ये तो होता ही जब नई चूत फटती है.
मैंने धीरे धीरे अपने लंड को अन्दर बाहर करना शुरु किया पहले तो उसके मुहँ से आवाजें आती रही फिर कुछ देर बाद वो भी अपनी कमर उठा उठा के मेरा साथ देने लगी. अब हमदोनों हवा में ऊड रहे थे कमर एक ताल मैं चल रही थी जब मैंने देखा शिप्रा को अब कोई दर्द नही है तो हमने अपनी स्टायल को बदल कर के डॉग स्टाइल में आ गए मैंने उसे पीछे से खड़ा करके चोद रहा था और एक हाँथ से उसके बाल पकडे हुए और एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था और अपने लंड से शिप्रा की चूत चोद रहा था और शिप्रा के मुहँ से आवाजें आ रही थी उसे लंड पहली बार खा रही थी इसलिए शोर मचा रही थी पर मैंने परवाह किए बगैर उसे चोद रहा था. तभी शिप्रा को बदन मैं झटका लगा और वो ढीली हो गई मैंने दुबारा उसे जल्दी से तैयार किया और अबकी उसे अपनी गोद में लेकर चोदा उस दिन हमने एक दूसरे को कई बार चोदा वो दिन मेरी लाइफ का सबसे हसीं पल था. मुझे मेरी जवानी का अहसास शिप्रा ने ही कराया था........हम दोनों ने फर्स्ट टाइम जन्नत की सैर की. उसके बाद हम दोनों एक साथ बाथरूम में शावर लिया और काफ़ी पीने बैठ गए. मैंने शिप्रा को आज के लिए थैंक्स कहा तो शिप्रा ने मुस्कराया और कहा नही विक्की तुम नही जानते आज मैंने तुमसे क्या पाया इसका अगर तुम्हे अहसास होता तो तुम मुझे थैंक्स न कहते बल्कि मुझे तुम्हे थैंक्स कहना चाहिए फिर थोडी देर हम लोगो ने नोर्मल होने के लिए कुछ इधर उधर की बातें की और दुबारा इसी तरीके से मौका मिलने पर एक दूसरे को चोदने का वादा किया!
उसके बाद तो हम लोगो को कई मौके मिले और हमने भरपूर फायदा उठाया. हम लोग आपस में इतने पास आ गए थे तो आपस में अश्लील हरक़त करने से नही चुकते और शायद शिप्रा की बड़ी सिस्टर को हमारी हरक़तो की भनक लग गई थी उसे कुछ डाउट रहता था इसलिए न जाने क्यों वो हमदोनो को अलग नही छोड़ती थी. ये स्टोरी आगे बताऊँगा......तो दोस्तों आपको मेरा फर्स्ट एक्सपीरियेंस कैसा लगा? अगर अच्छा लगा तो मुझे जरूर लिखें और हाँ पाठक चाहे मेल हो या फीमेल- कमेंट्स लिखना जरूरी है .इस स्टोरी मैं कुछ गलती या कमी हो तो जरूर लिखें. आपने मेरी स्टोरी पड़ी इसके लिए शुक्रिया मै जल्दी अपना एक दूसरा एक्सपीरियेंस आप लोगो के बीच जल्दी ले कर आऊंगा.